Importance of Tulsi ( तुलसी )

Basil
* Mix basil and ginger juice and honey three by 1-1 tablespoon and take it before sleeping. Cough will get rid of. * Tulsi juice and coconut oil mixed with fire. Immediate relief comes from the place and irritation is less.
* After headache, the juice of Basil leaves mixed with a little bit of camphor, removing the headache from the head after applying it on the head. * When the complaint of cough, it is beneficial to consume juice of Basil leaves in the juice of adose leaves. * When the cuff becomes frozen in the throat, add cumin, basil and honey together. Please. This will benefit immediately. * If the lips have been torn in winter or for some reason, mix the juice of basil leaves in the honey and rose water and apply it on the lips. * Toxic worms - Applying Basil juice on bites of goats destroys the effect of toxin. * If there is a complaint for constipation then Basil after daily meal. Take some leaves with water. * Grinding basil leaves and digestion increases by drinking. * Mix ginger juice in the juice of Basil leaves and lick it cold and cold. * Basil leaves of Basil leaves a weave, radish juice with four tolas and drinking it with jaggery removes jaundice. * When sleeping at night, taking ten or twelve leaves of black basil with water, the dream deprivation stops. * Take two leaves of Tulsi and four gram seeds daily in the morning and evening after drinking it. * Tulsi and paan juice juice and churning and giving birth to children is open to children. It is a panacea in the stomach and throats. * Grind equal parts of Basil, parsley and linseed pieces. Children get relief in cold water. * Grate 10 grams of green leaves of Tulsi, 3 grams of black pepper and make pills equal to black pepper and dry them in the shade. Two-two pills feed in warm water in the morning and evening. This gives benefits in every type of fever. * Drinking tea of ​​basil leaves, vomiting, chills, chills, and so forth. * Grind basil leaves and add salt and its juice in the nose. Infusion leads to fainting, indulgence. * If a woman has a menstruation but does not remain pregnant, then she is pregnant with chewing betel seeds or grinding it in water or by making a decoction and feeding it in the days of menstruation. If you do not have any pregnancy then take it for one year continuously. * After three days of menstrual periods, after consuming the decoction of one cup of basil leaves does not prevail. Boil 15-20 leaves of basil and boil it in two cups of water, drink a cup of water on remaining water. 

In Hindi
तुलसी
* तुलसी व अदरक का रस तथा शहद तीनों 1 - 1 चम्मच मिलाकर सोने से पूर्व सेवन करें । खांसी से निजात मिलेगी । *तुलसी का रस और नारियल का तेल मिलाकर आग से जले हुए । स्थान पर लगाने से शीघ्र आराम मिलता है एवं जलन कम होती है  
* सिरदर्द होने पर तुलसी की पत्तियों का रस थोड़े से कपूर में मिलाकर , सिर पर लेप करने से सिरदर्द दूर हो जाता है ।
* खांसी की शिकायत होने पर अडूसे की पत्तियों के रस में तुलसी की पत्तियों का रस मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है ।
* गले में कफ जम जाने पर कपूर , तुलसी और शहद मिलाकर सेवन | करें । इससे तुरंत फायदा होगा ।
* यदि होंठ सर्दियों में या अन्य किसी कारण से फट गए हों तो शहद और गुलाबजल में तुलसी की पत्तियों का रस मिलाकर होंठों पर लगाएं ।
* विषैले कीड़े - मकोड़ों के काटने पर तुलसी का रस लगाने से विष का प्रभाव नष्ट हो जाता है ।
* यदि कब्ज की शिकायत रहती है तो प्रतिदिन भोजन के बाद तुलसी | की कुछ पत्तियां पानी के साथ लें ।
* तुलसी की पत्तियों को पीसकर पीने से पाचन शक्ति बढ़ती है ।
* तुलसी की पत्तियों के रस में अदरक का रस मिलाकर चाटने से सर्दी - जुकाम दूर होता है ।
* तुलसी की पत्तियों का रस एक तोला , मूली का रस चार तोला मिलाकर , गुड़ के साथ पिलाने से पीलिया रोग दूर हो जाता है ।
* रात को सोते समय काली तुलसी के दस - बारह पत्ते पानी के साथ लेने पर स्वप्नदोष होना बंद जाता है ।
* तुलसी के दो पत्ते और चार ग्राम बीज रोजाना सुबह - शाम पान में रखकर खाने से शीघ्रपतन रोग दूर होता है ।
* तुलसी और पान का रस समभाग लेकर कुनकुना कर पिला देने से बच्चों को खुलकर दस्त आता है । पेट फूलने तथा अफारे में तो यह रामबाण औषधि है ।
* तुलसी की मंजरी , अजवायन और अलसी समान भाग पीसकर देने | से बच्चों को शीतला में राहत मिलती है ।
* तुलसी के हरे पत्ते 10 ग्राम , कालीमिर्च 3 ग्राम को पीसकर कालीमिर्च के बराबर गोलियां बनाकर छाया में सुखा लें । दो - दो गोली सुबह और शाम को गरम पानी से खिला दें । इससे हर प्रकार के बुखार में लाभ होता है ।
*तुलसी के पत्तों की चाय पीने से उल्टी , जी मिचलाना , ठंड लगना दूर होता है ।
* तुलसी के पत्तों को पीसकर , नमक मिलाकर उसका रस नाक में | टपकाने से बेहोशी , मूच्र्छा में लाभ होता है ।
* यदि किसी स्त्री को मासिक धर्म होता है किंतु गर्भ नहीं ठहरता तो मासिक धर्म के दिनों में तुलसी के बीज चबाने या पानी में पीसकर लेने से अथवा काढ़ा बनाकर पिलाने से गर्भ धारण होता है । यदि गर्भ न रहे तो निरंतर एक वर्ष तक लें ।
* मासिक धर्म बंद होने के तीन दिन बाद तक एक कप तुलसी के पत्तों का काढ़ा सेवन करने से गर्भ नहीं ठहरता । तुलसी की 15 - 20 पत्तियों को मसलकर दो कप पानी में उबालें , एक कप पानी शेष रहने पर पी लें
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