Cure From Diabetes (मधुमेह )

मधुमेह

* धात्रीफल ( आंवला ) , जामुन व करेले के बीजों का चूर्ण 1 - 1 चम्मच लेकर तीनों का मिश्रण कर प्रात : - सायं नियमित रूप से पानी से लेने पर मधुमेह रोग का क्षय होता है ।
* प्रात : बिना कुछ खाए - पीए कम - से - कम तीन करेलों का रस सेवन करें तथा करेले की सब्जी का अधिक - से - अधिक उपयोग करें ।
* बिल्वपत्र का 2 तोले रस तीन माह तक प्रात : नियमित रूप से लेने | पर मधुमेह रोग में लाभ होता है ।
* गुड़मार की पत्तियों का एक औंस रस दिन में दो बार सेवन करें । इसी प्रकार नीम की पत्तियों का रस भी सेवन करें , लाभ होगा ।
* जामुन के कुछ पत्ते दिन में दो बार चबाने से भी अतिशीघ्र लाभ होता । 6 ।
* 15 ग्राम मेथीदाना को कूटकर रात्रि को पानी में भिगो दें तथा प्रात : | अच्छी तरह मथकर कपड़े से छानकर व पानी सेवन करें ।
*  इसी प्रकार मेथीदाना के साथ समभाग सौंफ को रात्रि में पानी में भिगोकर प्रात : वह पानी पी लें ।
* लगभग 250 ग्राम जामुन को पानी में उबालकर ढंक दें । आधा घंटा बीतने पर मथकर उसको तीन भागों में बांट लें । इन तीन भागों को तीन बार में सेवन करें ।
* मधुमेह रोगी को प्रात : - सायं कुछ देर तक टहलकदमी करनी चाहिए । इसके अतिरिक्त जौ - चने के आटे से बनी रोटी के साथ हरी सब्जी का अधिक सेवन करना चाहिए ।
* प्रात : नियमित रूप से 2 - 3 किलोमीटर तक घूमने के लिए जाएं या आधा घंटे घर के आंगन में नंगे पैर टहला करें । इसके बाद शरीर पर चंदन बला लाक्षादि तेल लगाकर मालिश करें ।
*  रात को मिट्टी के बरतन में 50 ग्राम मेथीदाना और पानी डालकर रख दें । सुबह इसे मसलकर छानकर स्नानादि के बाद पी लें । इसी तरह सुबह मेथीदाना भिगोकर शाम को मसलकर छानकर पी लें ।
* सुबह नाश्ते के लिए रात को मूंग और मोठ भिगोकर रखें । प्रात . इच्छानुसार मात्रा में खूब चबा - चबाकर खाएं । इसके बाद मेथीदाने का पानी पीएं ।
* भोजन में गेहूं के आटे का प्रयोग बंद कर दें । इसकी जगह पांच किलो साफ किए हुए जौ और एक किलो चना मिलाकर पिसवा लें और इस आटे की ही रोटी हरे शाक - सब्जी के साथ खाएं ।
* जामुन की गुठली और करेले का चूर्ण 5 - 5 ग्राम दोनों वक्त के भोजन के बाद पानी के साथ फांके । ।
* दिन में 15 - 20 बेलपत्र खूब चबा - चबाकर खाएं ।
* मूली के पत्तों का बिना नमक और मिर्च - मसाले के साग का हर रोज सेवन करें , लगभग 25 - 30 दिन में मधुमेह का विकार धीरे - धीरे घटने लगेगा । जब तक पूरी तरह मधुमेह का निदान न हो जाए , पत्तों । के साग का सेवन करते रहें । मूली का रस पीना भी गुणकारी है ।
* 50 ग्राम सोंठ को 50 ग्राम जामुन की गुठलियों व 100 ग्राम गुड़मार बूटी के साथ पीस लें । फिर इसे घीग्वार के रस में मिला दें अब इस मिश्रण की छोटी - छोटी गोलियां बना लें । ये गोलियां मधुमेह के रोगी को खिलाएं । दिन में लगभग 3 - 4 गोलियां खिलानी चाहिए । औषधि लेने के दौरान परहेज बहुत जरूरी है । मीठा बिलकुल नहीं खाना चाहिए । दूध या चाय पीएं तो उसमें भी चीनी का सेवन न करें । करेले की सूखी सब्जी खूब खाएं , लौकी - परवल भी लाभदायक है । आलू आदि शर्करा तत्त्वों से भरपूर आहार से दूर रहें । मधुमेह का निदान सोंठ - चूर्ण से अवश्य होगा , लेकिन थोड़ा वक्त लग सकता है , बीच में ही इलाज अधूरा न छोड़ें।
* पिसी हल्दी में करेले का रस मिलाकर सुखा लें और हर रोज सुबह उठते ही आधा छोटा चम्मच यह चूर्ण शहद के साथ चाट लें  इससे रक्त से शर्करा निकल जाएगी ।
* करेले के गूदे में हल्दी भरकर घी में भून लें और रात को खाने के  साथ खाएं ।
* शहद की सिर्फ 5 ग्राम मात्रा में 5 ग्राम नीबू का रस मिलाकर इस मिश्रण को 5 ग्राम आंवले रस के साथ मिश्रित कर लें । इसे मधुमेह के रोगी को पिलाएं । इस खुराक को नियमित रूप से रोगी को दें । यह मिश्रित रस चाय में डालकर भी पीया जा सकता है । हर सुबह इसे चाय के साथ पीने से मधुमेह पर नियंत्रण रखा जा सकता है ।
* दोपहर को पके पपीते का फल खाने के बाद करेले का रस पीने से मधुमेह से जल्दी छुटकारा मिलता है ।
* नीम की छाल , कत्था तथा सुपारी का काढ़ा बनाकर पीना चाहिए ।
* एक चुटकी शुद्ध शिलाजीत और नीम की कोंपलें मीठे दूध के साथ सेवन करना चाहिए ।
* नीम की छाल और मुर्दाशंख घिसकर पेडू पर लेप लगाना चाहिए
* नीम की छाल , जामुन की गुठली , गुडमार बूटी , सोंठ - सबको बराबर की मात्रा में लेकर कूट - पीस लें । फिर इसे ग्वारपाठे के रस में घोट लें । इसमें से आधा चम्मच दवा नित्य शहद के साथ सेवन करें ।
* बेलपत्र का रस रोज सुबह 10 ग्राम की मात्रा में पीना चाहिए ।
* बेलपत्र का रस , महुआ की छाल 5 ग्राम , 10 दाने मिर्च सबको पीसकर तथा मिलाकर ठंडे पानी से पीना चाहिए ।
* बेल की मींग में नीम का थोड़ा - सा पानी मिलाकर रोगी को देना चाहिए ।
* प्रतिदिन एक कप गाजर का रस पीना चाहिए । गाजर के रस में इंसुलिन नामक तत्त्व होता है जो मधुमेह की वृद्धि को रोकता है ।
* 100 ग्राम गाजर का रस , 100 ग्राम मुली या पालक का रस दोनों को मिलाकर प्रात : - सायं सेवन करना चाहिए । रस के साथ जामुन की गुठली का चूर्ण आधा चम्मच भी लेना चाहिए । गुठली विशेष लाभ पहुंचाती है ।
* रात को 5 से 10 ग्राम त्रिफला चूर्ण खाकर ऊपर से बिना मीठा मिला अर्थात फीका दूध पीना चाहिए ।

* जामुन की गुठली का चूर्ण 5 ग्राम , त्रिफला चूर्ण 5 ग्राम तथा चंद्रप्रभा वटी 5 ग्राम तीनों को मिलाकर तीन खुराक बनाएं तथा सुबह , दोपहर और शाम को फीके दूध के साथ सेवन करें ।
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